मधुमक्खियों की मौतों से हिला अमेरिका: क्या होगा अब फसलों का?

मधुमक्खियों की मौतों से हिला अमेरिका: क्या होगा अब फसलों का?

🐝 अमेरिका में शहद की मक्खियों की 62% मौत! क्या हमारी थाली भी खतरे में है?

🔍 भूमिका

शहद की मक्खियाँ केवल शहद ही नहीं बनातीं, बल्कि वे हमारी खाद्य श्रृंखला की एक प्रमुख कड़ी हैं। अमेरिका में हाल ही में हुए सर्वेक्षण से पता चला है कि 2025 के वसंत तक, शहद की मक्खियों की कॉलोनियों में रिकॉर्ड स्तर तक गिरावट देखी गई। इस रिपोर्ट ने पर्यावरण वैज्ञानिकों, कृषकों और आम जनता के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है।

📊 चौंकाने वाले आँकड़े

2025 के प्रारंभिक छह महीनों में, अमेरिका में वाणिज्यिक मधुमक्खी पालकों ने लगभग 62% कॉलोनी हानि की सूचना दी। यह पिछले एक दशक में देखा गया सबसे बड़ा कॉलोनी लॉस है। यह सर्वेक्षण 702 व्यावसायिक मधुमक्खी पालकों पर आधारित है, जिनके पास कुल 1.84 मिलियन कॉलोनीज़ थीं—जो देश की कुल मधुमक्खियों का 68% हिस्सा हैं।

इस कॉलोनी लॉस का प्रत्यक्ष आर्थिक मूल्य $224.8 मिलियन (लगभग 1,870 करोड़ रुपये) आँका गया है। इसमें केवल कॉलोनी बदलने की लागत शामिल है, जबकि उपचार, दवाइयाँ, श्रम, और पोषण की कीमतें नहीं जोड़ी गई हैं।

❗ क्यों है यह गंभीर समस्या?

शहद की मक्खियाँ कृषि के लिए न केवल सहायक हैं, बल्कि आवश्यक भी हैं। अमेरिका में 90 से अधिक फसलें शहद की मक्खियों के परागण पर निर्भर करती हैं, जिनमें सेब, बादाम, ब्लूबेरी, तरबूज और कद्दू जैसी फसलें प्रमुख हैं।

यदि इस स्तर पर कॉलोनी हानि जारी रही, तो खाद्य उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा। इस स्थिति से फसलों की गुणवत्ता, उत्पादन और अंततः मूल्य पर प्रभाव पड़ेगा।

🧪 मक्खियों की मृत्यु के मुख्य कारण

1. कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग

अमेरिका में कृषि कार्यों में अब भी ऐसे कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है जो मधुमक्खियों के तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुँचाते हैं। नीओनिकोटिनॉयड्स जैसे रसायन विशेष रूप से खतरनाक हैं।

2. वरोआ माइट्स और रोग

Varroa destructor नामक परजीवी माइट्स मक्खियों के शरीर में चिपक कर उनके खून को चूसते हैं और वायरस फैलाते हैं। इससे कॉलोनी तेजी से कमजोर हो जाती है।

3. पोषण की कमी

एकल फसल प्रणाली (Monoculture Farming) की वजह से मधुमक्खियों को विविध फूलों से पराग और अमृत नहीं मिल पाता। इस पोषणहीनता से उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है।

4. जलवायु परिवर्तन

जलवायु असंतुलन के कारण मौसम चक्र बदल रहे हैं। इससे फूल समय पर नहीं खिलते और मधुमक्खियों के लिए भोजन कम हो जाता है। ठंड और गर्मी की असामान्य लहरें भी उनके जीवन को प्रभावित करती हैं।

5. कॉलोनियों का बार-बार स्थानांतरण

कृषि परागण के लिए मधुमक्खियों को ट्रकों में लाद कर हजारों मील दूर भेजा जाता है। यह यात्रा और असामान्य वातावरण उन्हें भारी तनाव में डालते हैं।

💬 वैज्ञानिकों और पालकों की राय

कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्कॉट मैकआर्ट ने कहा कि “यह अब तक का सबसे बड़ा कॉलोनी लॉस हो सकता है। हमें अब तक के सबसे खतरनाक वर्ष का सामना करना पड़ रहा है।”

वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि यही गति जारी रही, तो आने वाले वर्षों में मधुमक्खियों की हानि 70% तक पहुँच सकती है।

एक पालक ने बताया, “मैंने अपनी बचत, परिवार की संपत्ति और ऊर्जा सब इस व्यापार में लगाई। लेकिन अब हमारे पास सिर्फ खाली बॉक्स हैं, मक्खियाँ भी नहीं बचीं।”

✅ समाधान क्या हो सकते हैं?

1. जैविक खेती को बढ़ावा

जैविक खेती में कीटनाशकों और रसायनों का प्रयोग कम होता है। इससे मधुमक्खियों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और परागण के अवसर भी अधिक होते हैं।

2. फूलों की विविधता बढ़ाना

खेतों में कवर क्रॉप्स, झाड़ियाँ और स्थानीय फूलों के पौधे लगाकर मधुमक्खियों के लिए निरंतर पोषण स्रोत बनाए जा सकते हैं।

3. कृत्रिम पोषण

Apix Biosciences और Washington State University ने मिलकर “पावर पोलन” नामक पौष्टिक आहार विकसित किया है जो मधुमक्खियों को ब्लूबेरी और सूरजमुखी जैसे मोनोक्रॉप इलाकों में पोषण दे सकता है।

4. माइट्स और रोगों का उपचार

पालकों को नियमित रूप से कॉलोनियों का निरीक्षण करना चाहिए और रसायन-मुक्त उपचार देना चाहिए।

5. नीति और जागरूकता

सरकार को चाहिए कि मधुमक्खी पालन और पर्यावरण के बीच सामंजस्य बैठाते हुए नई नीतियाँ बनाए, जिससे किसानों और पर्यावरण दोनों का संतुलन बना रहे।

📌 निष्कर्ष

शहद की मक्खियों की 62% तक की मौत न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है। यह कृषि, पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा की श्रृंखला का संकट है जिसे तत्काल हल करना जरूरी है। वैज्ञानिकों, किसानों और नीति निर्माताओं को मिलकर काम करना होगा ताकि यह संकट और गहरा न हो।

🔗 स्रोत


~: धन्यवाद :~

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