मुकेश अंबानी ला रहे हैं दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर – जामनगर बनेगा ग्लोबल AI हब।

मुकेश अंबानी ला रहे हैं दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर – जामनगर बनेगा ग्लोबल AI हब।

मुकेश अंबानी बनाएंगे दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर – जामनगर से भारत का AI युग शुरू

परिचय

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक नई वैश्विक तकनीकी क्रांति की नींव रख दी है। गुजरात के जामनगर में अंबानी दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत AI-समर्थित डेटा सेंटर बना रहे हैं, जिसकी कुल क्षमता 3 गीगावाट होगी। यह डेटा सेंटर न केवल भारत के तकनीकी क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत को अमेरिका और चीन के मुकाबले में खड़ा करेगा।

तकनीकी विशेषताएं

यह डेटा सेंटर अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा और इसे 100% हरित ऊर्जा से चलाने की योजना है। इसमें सौर, पवन और ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाएगा। इसकी कुल ऊर्जा क्षमता 3GW होगी, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाएगी।

निवेश और वित्तीय योजना

इस परियोजना पर कुल अनुमानित निवेश $20 से $30 बिलियन (लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये) का है। यह निवेश रिलायंस की मौजूदा नकदी, साझेदारियों और संभावित अंतरराष्ट्रीय सहयोग से किया जाएगा। इस डेटा सेंटर का उद्देश्य भारत में AI सेवाओं और डिजिटल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

AI इन्फ्रास्ट्रक्चर और Nvidia साझेदारी

रिलायंस ने Nvidia के साथ मिलकर Blackwell AI चिप्स पर आधारित अत्याधुनिक AI इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की घोषणा की है। इस साझेदारी के तहत Jio और Nvidia भारत में शक्तिशाली सुपरकंप्यूटिंग इंजन और भाषा मॉडल (LLMs) तैयार करेंगे, जो देश में ही विकसित और कार्यान्वित होंगे।

जामनगर का चयन क्यों?

जामनगर पहले से रिलायंस के ग्रीन एनर्जी और रिफाइनरी हब के रूप में स्थापित है। यहां पहले से मौजूद Dhirubhai Ambani Green Energy Giga Complex इस नई परियोजना को ऊर्जा और बुनियादी ढांचे की दृष्टि से मजबूत आधार प्रदान करेगा।

भारत की डिजिटल महत्वाकांक्षा

यह परियोजना भारत के डिजिटल आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार ने भी AI और डिजिटल स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए भारी निवेश की घोषणा की है। रिलायंस का विजन “AI Everywhere for Everyone” भारत को एक वैश्विक तकनीकी महाशक्ति बनाने की दिशा में कार्यरत है।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की भूमिका

जहाँ अमेरिका, चीन और यूरोपीय देश बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर निर्माण में लगे हैं, वहीं भारत के पास अब जामनगर जैसे मेगाप्रोजेक्ट के माध्यम से वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का अवसर है। इससे भारत को टेक्नोलॉजी इनफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सुरक्षा में भी मजबूती मिलेगी।

डेटा सेंटर से होने वाले संभावित लाभ

  • सस्ती और सुलभ AI सेवाएं
  • नई नौकरियों और स्किल डेवलपमेंट के अवसर
  • भारत का वैश्विक तकनीकी नेतृत्व
  • डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा में आत्मनिर्भरता
  • ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश और विकास

संभावित चुनौतियाँ

  • GPU और चिप्स की वैश्विक आपूर्ति सीमित होना
  • बड़ी पूंजी जुटाने की चुनौती
  • हरित ऊर्जा की स्थिरता बनाए रखना
  • प्रशिक्षित तकनीकी विशेषज्ञों की आवश्यकता

निष्कर्ष

जामनगर में बनने वाला यह विशाल डेटा सेंटर भारत के डिजिटल भविष्य की नींव रखेगा। यह परियोजना न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी, बल्कि भारत को एक तकनीकी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। मुकेश अंबानी की यह पहल आने वाले वर्षों में भारत की वैश्विक पहचान को एक नई परिभाषा दे सकती है।


~: धन्यवाद :~

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