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1000 साल से खड़ा है ये रहस्यमय मंदिर! Brihadeeswara Temple की छाया कभी ज़मीन पर क्यों नहीं पड़ती? जानकर रह जाओगे दंग।

1000 साल से खड़ा है ये रहस्यमय मंदिर! Brihadeeswara Temple की छाया कभी ज़मीन पर क्यों नहीं पड़ती? जानकर रह जाओगे दंग। This mysterious temple has been standing for 1000 years! Why does the shadow of Brihadeeswara Temple never fall on the ground? You will be stunned to know this.

Brihadeeswara Temple

Brihadeeswara Temple: तमिलनाडु का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक वैभव

भारत की सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत की बात हो तो तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित Brihadeeswara Temple का नाम सबसे पहले आता है। यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारतीय कला, संस्कृति और स्थापत्य कला का एक अनुपम उदाहरण भी है। इसे बड़ा मंदिर या तंजाई पेरिया कोविल के नाम से भी जाना जाता है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित यह मंदिर चोल वंश की महानता और उनके स्थापत्य कौशल का प्रतीक है। इस ब्लॉग में हम Brihadeeswara Temple के इतिहास, स्थापत्य, धार्मिक महत्व और रोचक तथ्यों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Brihadeeswara Temple का इतिहास

Brihadeeswara Temple का निर्माण 11वीं शताब्दी में चोल वंश के महान सम्राट राजा राजा चोल प्रथम ने करवाया था। इसका निर्माण कार्य 1003 से 1010 ईस्वी के बीच पूरा हुआ। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे राजराजेश्वरम् के नाम से भी जाना जाता था। चोल वंश के शासकों ने इस मंदिर को न केवल एक धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित किया, बल्कि इसे अपनी शक्ति, समृद्धि और कला के प्रति समर्पण का प्रतीक बनाया।

मंदिर का निर्माण उस समय की उन्नत इंजीनियरिंग और स्थापत्य कला का जीवंत उदाहरण है। यह मंदिर अपनी भव्यता और विशालता के कारण उस युग की तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में हजारों कारीगरों, मजदूरों और कलाकारों ने कई वर्षों तक मेहनत की थी।

मंदिर का स्थापत्य

Brihadeeswara Temple द्रविड़ शैली का एक उत्कृष्ट नमूना है। इसकी संरचना और डिज़ाइन इतने सटीक और वैज्ञानिक हैं कि यह आज भी इंजीनियरों और पुरातत्वविदों को आश्चर्यचकित करता है। मंदिर की कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

Brihadeeswara Temple

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

Brihadeeswara Temple केवल एक स्थापत्य चमत्कार ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख धार्मिक केंद्र भी है। यहाँ भगवान शिव की पूजा राजराजेश्वर के रूप में की जाती है। मंदिर में साल भर कई उत्सव और धार्मिक समारोह आयोजित होते हैं, जिनमें महाशिवरात्रि, नवरात्रि और आदिपूरम प्रमुख हैं।

मंदिर के परिसर में कई छोटे मंदिर और मूर्तियाँ भी हैं, जो विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित हैं। यहाँ के भित्ति चित्र और शिलालेख चोल वंश के इतिहास, उनके प्रशासन और समाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

रोचक तथ्य

कैसे पहुँचें

Brihadeeswara Temple तमिलनाडु के तंजावुर शहर में स्थित है। तंजावुर रेल, सड़क और हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष

Brihadeeswara Temple केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और स्थापत्य का एक जीवंत प्रतीक है। इसकी भव्यता, नक्काशी और वैज्ञानिक डिज़ाइन इसे विश्व के सबसे अनूठे मंदिरों में से एक बनाते हैं। यदि आप तमिलनाडु की यात्रा पर हैं, तो Brihadeeswara Temple को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें। यहाँ की शांति, आध्यात्मिकता और ऐतिहासिक वैभव आपको एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।

जय शिव शंभु!


~: धन्यवाद :~

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